तेरे हर गम को बेअसर कर दूँ
अपने जज्बात की खबर कर दूँ
नहीं मुमकिन है अब जुदा होना
अपनी नजरें तुझे नजर कर दूँ
नहीं हिम्मत तुझे मैं खो सकता
और दूजे का भी न हो सकता
फिर ये कैसी तेरी शिकायत जो
नहीं हँसता नहीं मैं रो सकता
मुझको तेरी बहुत जरूरत है
बन्द आँखों में तेरी सूरत है
तुझे देखूँ खुली पलक से तो
मेरी खातिर वो शुभ मुहुरत है
प्यार की चाहतें अधूरी है
पास होकर जो दिल से दूरी है
आतीं जातीं हैं उलझनें लेकिन
प्यार करना बहुत जरूरी है
तुझे पाने को हर जतन होगा
जहाँ तुम होगी मेरा मन होगा
आईना जब तुझे चिढ़ाने लगे
तेरे पीछे खड़ा सुमन होगा
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