टूटा घर है
नंगा सर है
मगर हौसला
जीवन भर है
देखा रुख पे
जो अन्दर है
स्वजन हाथ में
अब खंजर है
अपनों से ही
लगता डर है
कोमल रिश्ता
अब जर्जर है
सुमन बदल तू
जो मंजर है
नंगा सर है
मगर हौसला
जीवन भर है
देखा रुख पे
जो अन्दर है
स्वजन हाथ में
अब खंजर है
अपनों से ही
लगता डर है
कोमल रिश्ता
अब जर्जर है
सुमन बदल तू
जो मंजर है
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