Thursday, September 7, 2017

सरकार है, मज़ाक नहीं

ऐ जमीन खोदनेवाले!
अपनी औकात में ऱहो,
सरकार की सुनो,
अपनी कुछ मत कहो,

तुम्हारे बिरादरीवालों ने,
आत्महत्या करके,
नरमुण्ड इकट्ठा किया,
और सरकार के खिलाफ,
एक अलख जगायी है,
उसका अंजाम देख लो,
कितनों ने सरेआम,
सरकारी गोली खायी है|

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