उजला तन है
दूषित मन है
मीठा रिश्ता
एक सपन है
प्रायः छूटे
जो परिजन है
उलझा उलझा
हर जीवन है
कितनों के छत
खुला गगन है
खाता है पर
वो जनधन है
आने वाला
काला धन है
हे भारत माँ
तुझे नमन है
जोड़े सबको
सदा सुमन है
दूषित मन है
मीठा रिश्ता
एक सपन है
प्रायः छूटे
जो परिजन है
उलझा उलझा
हर जीवन है
कितनों के छत
खुला गगन है
खाता है पर
वो जनधन है
आने वाला
काला धन है
हे भारत माँ
तुझे नमन है
जोड़े सबको
सदा सुमन है
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