कौन यहाँ किसको समझाए?
बात समझ में ये ना आए।
इस हालत में खुद पे हँस लो,
या चुपके से रोना अच्छा।
खुद में खुद का होना अच्छा।
अपने भाव संजोना अच्छा।।
सभी खोजते अपने जैसा,
नहीं मिला तो सपने जैसा।
सभी लीन हैं परनिन्दा में,
राम नाम के जपने जैसा।।
दूजे के परिचय से पहले,
अपना परिचय होना अच्छा।
खुद में खुद का ----------
हम फिरते हैं मारे मारे,
मिलते शायद कहीं सहारे।
जहाँ सहारा कोई देता,
स्वारथ पूरन, हुए किनारे।
निर्णय मुश्किल हुआ करें क्या,
है सोना या सोना अच्छा।
खुद में खुद का ----------
सबके अपने दर्द यहाँ पर,
गिनती में हमदर्द यहाँ पर,
मोहक मुस्कानों से बचना,
मिल सकते कमजर्फ यहाँ पर,
सुख दुख सबका अपना होता,
सुमन उसी में खोना अच्छा।
खुद में खुद का ----------
बात समझ में ये ना आए।
इस हालत में खुद पे हँस लो,
या चुपके से रोना अच्छा।
खुद में खुद का होना अच्छा।
अपने भाव संजोना अच्छा।।
सभी खोजते अपने जैसा,
नहीं मिला तो सपने जैसा।
सभी लीन हैं परनिन्दा में,
राम नाम के जपने जैसा।।
दूजे के परिचय से पहले,
अपना परिचय होना अच्छा।
खुद में खुद का ----------
हम फिरते हैं मारे मारे,
मिलते शायद कहीं सहारे।
जहाँ सहारा कोई देता,
स्वारथ पूरन, हुए किनारे।
निर्णय मुश्किल हुआ करें क्या,
है सोना या सोना अच्छा।
खुद में खुद का ----------
सबके अपने दर्द यहाँ पर,
गिनती में हमदर्द यहाँ पर,
मोहक मुस्कानों से बचना,
मिल सकते कमजर्फ यहाँ पर,
सुख दुख सबका अपना होता,
सुमन उसी में खोना अच्छा।
खुद में खुद का ----------
1 comment:
बहुत ही सुंदर रचना
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