जिनकी मंजिल दूर बहुत है
उन आँखों में नूर बहुत है
सब खुशियाँ पाने को पागल
जीवन में नासूर बहुत है
उलझी सूरत देखा सबके
होश हुए काफूर बहुत है
जो दिखता है इन्सानों सा
दया कहाँ वो क्रूर बहुत है
पथरीले रस्ते पर चलना
सुमन हृदय मंजूर बहुत है
उन आँखों में नूर बहुत है
सब खुशियाँ पाने को पागल
जीवन में नासूर बहुत है
उलझी सूरत देखा सबके
होश हुए काफूर बहुत है
जो दिखता है इन्सानों सा
दया कहाँ वो क्रूर बहुत है
पथरीले रस्ते पर चलना
सुमन हृदय मंजूर बहुत है
1 comment:
बहुत खूबसूरत...
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