Wednesday, May 15, 2019

और करम ये परम हुआ

इधर चुनावी गरमी से ये मौसम कितना गरम हुआ
भाषण में बड़बोलापन है नेता भी बेशरम हुआ

नहीं जरूरत बतलाने की जनहित में क्या काम किया
गरियाना प्रतिद्वंदी को बस लगता उनका धरम हुआ

सात दशक में आजादी क्या पहुँची गाँव तलक यारो
मिलके तंत्र विफल करते और यहाँ कुशासन चरम हुआ

हर मजहब के साथ साथ हम जीते आए सदियों से
फूट डालकर सत्ता पाना इनका पहला करम हुआ

हमें सोचना होगा ऐसा अबतक भला हुआ है क्यूँ
लोक जागरण धरम सुमन का और करम ये परम हुआ 

No comments:

हाल की कुछ रचनाओं को नीचे बॉक्स के लिंक को क्लिक कर पढ़ सकते हैं -
विश्व की महान कलाकृतियाँ- पुन: पधारें। नमस्कार!!!