Thursday, October 10, 2019

हम बैठे हैं आँख बिछाए

हम बैठे हैं आँख बिछाए आओ माँ
महिषासुर है घात लगाए आओ माँ

युग बदला तो बदला आज मुखौटा भी
रक्तबीज है खुद को छुपाए आओ माँ

मधुकैटभ नेतृत्व करे अब भीड़ों का
हत्या करके न्याय सिखाए आओ माँ

टोल, मुहल्ला भर गए शुम्भ, निशुम्भों से
कैसे बिटिया लाज बचाए आओ माँ

बहुत जरूरत आओ चमन बचाने को
सुमन यहाँ पर शीश झुकाए आओ माँ

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