अपना देश, प्रवासी कहते?
सच को भी आभासी कहते?
जिसने छल से पाया वैभव
उसको भी विश्वासी कहते?
भूख मिटाती, प्यास मिटाती
धरती को क्यों प्यासी कहते?
राज पाट, भोगे सुख सारे
उसको भी सन्यासी कहते?
सारी सुविधा जिनसे मिलती
उसे दास क्यों दासी कहते?
झूठे नेता, मगर शान में
बातें अच्छी खासी कहते
पांच दशक से सुमन शहर में
उसे गांव का वासी कहते?
सच को भी आभासी कहते?
जिसने छल से पाया वैभव
उसको भी विश्वासी कहते?
भूख मिटाती, प्यास मिटाती
धरती को क्यों प्यासी कहते?
राज पाट, भोगे सुख सारे
उसको भी सन्यासी कहते?
सारी सुविधा जिनसे मिलती
उसे दास क्यों दासी कहते?
झूठे नेता, मगर शान में
बातें अच्छी खासी कहते
पांच दशक से सुमन शहर में
उसे गांव का वासी कहते?
1 comment:
वाह!!!
बहुत खूब ...
राज पाट, भोगे सुख सारे
उसको भी सन्यासी कहते?
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