Thursday, September 17, 2020

सब अच्छे हैं एक बुरा मैं

बार - बार   बस  ये  सोचा   मैं
सब   हैं   अच्छे   एक  बुरा  मैं

सभी  करे  साबित  ये अक्सर 
इस  दुनिया  में  इक  सच्चा मैं

सच  की  राह  चला तो कहते
अभी  सोच  से  भी  कच्चा मैं

बढ़ी  उम्र  चालाक   बने  क्यों
रहता  काश!  अगर  बच्चा मैं

हाथ  बढ़ाकर  जिसे  संभाला
अब  आगे  वो  क्यों  पीछा मैं

देख   जरा  ऐ!   दुनिया  वाले
बोझ  सभी अबतक खींचा मैं

सीखो जीना सुमन, सु-मन से 
तब  साबित  होगा  अच्छा  मैं

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