एक सियासी यह कमाल है
हाथ बिहारी के मशाल है
आगे बढ़ता है बिहार जब
रोक सके किसकी मजाल है
परिवर्तन की आँधी लाकर
साथ देश के कदमताल है
पढ़े लिखे कम होने पर भी
सत्ता से करता सवाल है
लोक-जागरण की ये धरती
सचमुच भारत में मिसाल है
लफ्फाजों की शामत आयी
निम्न-वर्ग की आँख लाल है
सदा बिहारी संविधान को
रखा सुमन माथे संभाल है
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