जब से ठंढी हवा पास आने लगी
आग दिल में विरह की जलाने लगी
जबतलक न जुदाई, मिलन बेमजा
जिन्दगी फलसफा ये सिखाने लगी
जिन्दगी जंग सबकी है मिहनत भरी
जो पसीने की खुशबू बढ़ाने लगी
प्यार के रास्ते सारे कांटों भरे
हर चुभन जिन्दगी को सजाने लगी
जिन्दगी में मुकम्मल सुमन कौन है
सोचकर जिन्दगी गीत गाने लगी
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