अभी आपकी मुख्तारी है
बेचें, जो भी सरकारी है
रेल, सेल संग कोल बेचना
ऐसी भी क्या लाचारी है ?
एरोड्रम, नव-रतन कम्पनी
पता नहीं किसकी बारी है?
देशभक्त हैं आप अनूठा
यही आपकी खुद्दारी है?
खुसफुस लोग करे आपस में
यह जनता से गद्दारी है
जनहित में अब रुके बेचना
आगे जो भी तैयारी है
मित्र सुमन को मान सोचिए
या फिर करिए जो प्यारी है
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