Saturday, December 12, 2020

जहाँ लरजते प्यार के आँसू

पानी जैसे हर आँसू हैं, लेकिन सबके भाव अलग
इस कारण से हर आँसू पर, मिलते सदा सुझाव अलग

अभिनय के भी आँसू होते, और प्याज के आँसू भी
आँसू देखके निकले आँसू, करते लोग चुनाव अलग

मिलते हैं दुर्जन तो आँसू, सज्जन बिछुड़े तो आँसू
जहाँ लरजते प्यार के आँसू, होता एक खिंचाव अलग

कभी कभी हालात के कारण, आँसू पीना पड़ता है
मंचों पर आँसू न निकले, मन में करे कसाव अलग

रोते रोते सूख गए हैं, कितने आँखों के आँसू
हँस हँस के जो आँसू निकले, उसके हैं बर्ताव अलग

होतीं कुछ आँखें भी ऐसी, जिसमें आँसू नहीं मिले
लोग भावना शून्य मिले तो, होता एक तनाव अलग

दया, प्रेम, करुणा के आँसू, सुमन उसे तू बहने दे 
मगर बेबसी के आँसू का, होता एक बहाव अलग

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