लोग-बाग जब रोता प्यारे
पाल रहे तुम तोता प्यारे!
रोटी से पहले कब, किसका
कौन, यहाँ पर होता प्यारे?
लोग बेबसी के सागर में
लगा रहे हैं गोता प्यारे
लुटा रहे मोरों को दाना
निर्धन भूखे सोता प्यारे
बैल बनाकर सब शासक ने
आमजनों को जोता प्यारे
भूल गए क्यों इसी देश में
हम सबका भी खोता प्यारे
फल पाता है सुमन सदा से
बीज जहाँ जो बोता प्यारे
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