हे सबके प्यारे,अन्ना हजारे!
किसानों के समर्थन में आप
अभी तक क्यों नहीं पधारे?
जबकि लाखों लाख किसान
आपको चीख चीखकर पुकारे!
कम सुनने के बाद भी,
पहले आप झट सुनते थे।
उन दिनों की सत्ता की खिलाफत,
के लिए तत्काल योजना गुनते थे।
अभी लगता है कि कान आपके,
कुछ ज्यादा ही हो गये हैं बहरे।
या ये भी संभव है कि वर्तमान सत्ता से
आपके दिली रिश्ते हैं गहरे।
सोचो! सोचो सांई हजारे!
आपने पहले किस किस के
हाल बिगाड़े और सुधारे!
इतिहास की काली सूची से बचना तो
फिर से मैदान में आओ प्यारे!
क्योंकि सड़कों पर, ठिठुरती रातों में
किसान तुझे चीख चीखकर पुकारे।
हे व्यापारियों के देवाधिदेव!
योगगुरु बाबा रामदेव!
आप तो सबको परास्त कर
सचमुच बन गये असली *दामदेव"।
प्राकृतिक रूप से,
डेढ़ आंख पाने वाले बाबा!
पहले आपको खूब दिखता था,
काला कानून और काला धन।
और अभी बिल्कुल नहीं दिखता,
ये विशाल किसान आंदोलन?
योग तो बस एक बहाना था,
जबकि व्यापार ही
आपका असली निशाना था।
इसी तरह की चालाकी करके
आप बने महान, धनवान!
फिर भला आपको क्यों दिखाई दे,
सड़कों पर कई दिनों से,
ठिठुरते ये बेबस किसान?
सत्तासन से आपका
गठजोड़ सबको दिखता है खास।
यकीन मानो दामदेव बाबा!
आपकी इस चालाकी को
हमेशा याद रखेगा इतिहास
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