Friday, May 28, 2021

बनी अब गांधारी सरकार

नहीं रैलियों में कोरोना, भला कुंभ में फिर क्या होना?
श्मशानों में लाश प्रतीक्षित, अलग अलग है रोना-धोना।
कोरोना! तेरे रूप हजार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

कोरोना के नियम लगे हैं शहर, गांव हर कोने में।
मजदूरों का शुरू पलायन, इसी नियम को ढोने में।
मगर कुंभ या फिर चुनाव में लोग जुटे भरमार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

छिटपुट कर्फ्यू, तालाबंदी, जगह जगह पर जारी है।
बंद पढ़ाई और परीक्षा, आर्डर भी सरकारी है।
सभी नियम लागू सरकारी, सुविधा के अनुसार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

भले समर्थक सरकारों के, या विरोध में जो भी।
वक्त सोचने का आया है, मिलजुल सोचें वो भी।
न्यायपूर्ण हो दृष्टि सुमन की, करते रहें विचार।
बनी अब गांधारी सरकार।।

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