Friday, May 28, 2021

जीवन में रिश्ता मरहम है

अपनापन में कितना दम है
अपनों में अपनापन कम है

रिश्ते लोग बना लेते पर
उसे निभाने में बेदम है

हर मुश्किल से लड़ने खातिर
जीवन में रिश्ता मरहम है

प्रेम पूर्ण रिश्ता ही तीरथ
गंगा और आबे जमजम है

जोड़ सको तो जोड़ो रिश्ते
रिश्ता यारों बहुत अहम है

रिश्तों की गर्माहट से ही
लगता जीवन में शबनम है

रुके सुमन रिश्तों का रिसना
"मैं" से पहले आता "हम" है

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