Tuesday, August 8, 2023

पलकें मेरी वो भिगो गया

जो कर सका उसके लिए, वो  सब उसी का हो गया 
वही पास आकर प्यार से, काँटा सुमन को चुभो गया 

ये जिन्दगी बस प्यार है, और प्यार से है ये जिन्दगी
उस राह पर मैं भी चला, पर प्यार अपना खो गया 

सबकी  तरह  कल   के  लिए, सपने  सुनहरे हैं मेरे 
अब तोड़ के सपने सभी, पलकें मेरी वो भिंगो गया 

विश्वास ही संकट में जब, किस पर भरोसा क्या करें
दुख मेरे सारे छोड़कर, दुखड़ा वो अपना ही रो गया 

इक हार मिलती जब मुझे, उसको बनाता हार फिर 
जीवन के सारे बोझ को, मैं इस तरह से ही ढो गया 

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