तुम  घोड़ा  हम  घास प्रभु
फिर  भी तुमसे  आस प्रभु
प्यार  मिला लोगों का तब
आज  बने  हो  खास  प्रभु
निष्ठुर   होकर    तोड़    रहे 
जन - जन का विश्वास प्रभु
मत   भूलो   चलती   हमसे
हर  शासन  की  साँस  प्रभु
छोड़ो  उड़न - खटोला अब
आओ  जन  के  पास  प्रभु
तख्त  बिठाते  हम  सबको
क्या  इसका अहसास प्रभु
भाव सुमन-सा रख दिल में
पसरे   सतत   सुवास  प्रभु

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