अब जा कर आराम मिला है
करने को कुछ काम मिला है
था वसंत जो अबतक फीका
आंखों से पैगाम मिला है
वक्त प्यार के कम होते पर
मुझको आठो याम मिला है
पानी भरा गिलास भले हो
लगा छलकता जाम मिला है
जाम प्यार का पी ले उसको
जीवन रंग तमाम मिला है
लगता रावण की बस्ती में
मुझे अचानक राम मिला है
खुशबू बांटो डूब प्यार में
तुझे सुमन जो नाम मिला है
करने को कुछ काम मिला है
था वसंत जो अबतक फीका
आंखों से पैगाम मिला है
वक्त प्यार के कम होते पर
मुझको आठो याम मिला है
पानी भरा गिलास भले हो
लगा छलकता जाम मिला है
जाम प्यार का पी ले उसको
जीवन रंग तमाम मिला है
लगता रावण की बस्ती में
मुझे अचानक राम मिला है
खुशबू बांटो डूब प्यार में
तुझे सुमन जो नाम मिला है
नमस्ते,
ReplyDeleteआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में रविवार 23 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
खुशबू बांटो डूब प्यार में
ReplyDeleteतुझे सुमन जो नाम मिला है
खुशबू बांटो डूब प्यार में
ReplyDeleteतुझे सुमन जो नाम मिला है.
उम्दा शेर है।
वाह!बहुत खूब!
ReplyDeleteखुशबू बांटो डूब प्यार में
ReplyDeleteतुझे सुमन जो नाम मिला है।
बहुत सुंदर सृजन।
वाह!!!
ReplyDeleteबहुत ही सुन्दर....लाजवाब
लगता रावण की बस्ती में
मुझे अचानक राम मिला है