बड़बोलापन और मुँह जोर।
कारण, देश हुआ कमजोर।।
देश है अपना कृषि प्रधान,
मगर सड़क पे खड़े किसान।
उनकी सुन ले मजबूरी,
अगर बचा है कुछ ईमान।।
नजरें उठीं हैं सब तेरी ओर।
कारण, देश हुआ -----
मिलकर हम सब जीते हैं,
सुख अपना गम पीते हैं।
बाँट दिया मजहब में वो,
प्यार में लगे पलीते हैं।।
तुम अच्छे, खुद करते शोर।
कारण, देश हुआ -----
तुमको जन से प्यार मिला,
पर जन को दुत्कार मिला।
फिर मत कहना सुमन से तू,
हार मिली, न हार मिला।।
हाथ में जन के शासन-डोर।
कारण, देश हुआ -----
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