सच्चा लिक्खो कलम बचाओ
लोक-लाज भी जब संकट में
सब के सब हैं गरम बचाओ
सभी धरम के मान बराबर
मानवता का धरम बचाओ
अन्न मुफ्त का खाओ लेकिन
मत काहिल बन करम बचाओ
शासक हुए नकारे जब जब
वो शासन कर खतम बचाओ
हर हालत में जीना लड़ के
जीने का ये इलम बचाओ
साजन-सजनी सुमन बाद में
अभी वतन को बलम बचाओ
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