पर साबित वो रंगा सियार
आलोचक को माने दुश्मन
ये इनके संकीर्ण विचार
अकबक बोले बार-बार वो
लगे मानसिक हैं बीमार
भला झूठ के पाँव हुए कब
शासन का मुश्किल विस्तार
लेकर झोला जाओगे तो
भारत पर होगा उपकार
रोटी - पानी नहीं मयस्सर
बहुजन आज खड़े लाचार
सुमन खड़ा है दर्पण लेकर
निरखो अपनी सूरत यार
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