लेकिन बात कहाँ कम करते
गंगा - गंगा पहले अब तो
गंगा, यमुना, जमजम करते
विफल परीक्षा या दुर्घटना
किसने देखा वो गम करते
प्रश्न खड़ा करनेवालों को
खोज खोज के बेदम करते
सारे वादे साबित झूठे
पुनः झूठ से मरहम करते
अक्सर रो देते मंचों पर
यूँ बारिश बिन मौसम करते
लोक जागरण से परिवर्तन
चलो सुमन अपने दम करते
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