Saturday, February 22, 2025

कहते जग को वैरागी हम

ये मत कहना हैं बागी हम
सभी धर्म के अनुरागी हम

धार्मिक  हैं  या  ढोंग रचाते 
अपने  कर्मों  के  भागी हम

किसी  धर्म  की  करें बुराई 
तो  समाज  के हैं दागी हम

कई  उचक्के  संत - वेष में
कहते  जग  को वैरागी हम

नीति गलत जो धर्म नाम पे
चुप  रहते तो सहभागी हम 

बचा सकें मानव-मूल्यों को 
तो  समझेंगे  बड़भागी हम

सदा  प्रेम से बढ़ती दुनिया 
राग - सुमन के हैं रागी हम

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