Monday, June 2, 2025

कहते बात जरूरी बाबा

ऐसी  क्या   मजबूरी   बाबा
बने   आप   सिन्दूरी   बाबा

जिन्हें   दिया सिन्दूर आपने 
अब तक  उनसे  दूरी  बाबा

कीमत जो सिन्दूर की जाने
चाहत   उनकी   पूरी  बाबा 

छीना  जो  सिन्दूर  माँग से 
उसकी  जाँच  अधूरी बाबा 

सिन्दूरी  नाटक  को शायद 
सरकारी     मंजूरी    बाबा 

बिन सिन्दूर प्लाॅट है खाली 
कहते   बात  जरूरी  बाबा 

भटक रहे  सिन्दूर हाथ ले
सुमन  हृदय कस्तूरी बाबा 

1 comment:

Bharti Das said...

बहुत खूबसूरत रचना

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