ऐसी क्या मजबूरी बाबा
बने आप सिन्दूरी बाबा
जिन्हें दिया सिन्दूर आपने
अब तक उनसे दूरी बाबा
कीमत जो सिन्दूर की जाने
चाहत उनकी पूरी बाबा
छीना जो सिन्दूर माँग से
उसकी जाँच अधूरी बाबा
सिन्दूरी नाटक को शायद
सरकारी मंजूरी बाबा
बिन सिन्दूर प्लाॅट है खाली
कहते बात जरूरी बाबा
भटक रहे सिन्दूर हाथ ले
सुमन हृदय कस्तूरी बाबा
1 comment:
बहुत खूबसूरत रचना
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