नव किरणें मुस्काकर लायीं नये वर्ष का नव पैगाम
कोयल कूक रही है जग में गूँजेगा भारत का नाम
वही आसमां वही फ़िज़ा है वही दिशाएँ अभी तलक
नयी चेतना नये जोश से नया सृजन होगा अविराम
बहुत रो लिये वर्तमान पर परिवर्तन की हो कोशिश
सार्थक होगा तब विचार जब हालातों पर लगे लगाम
पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम
नित नूतन संकल्पों से नव सोच की धारा फूटेगी
पत्थर पे भी सुमन खिलेंगे और होगा उपवन अभिराम
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9 comments:
पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते।
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम।।
बहूत समय बाद श्यामल जी आप की कलम बोली,
एक शशक्त रचना, सुंदर कविता
आप को नव वर्ष की ढेरों कामनाएं
waah kya baat hai sundar alankari shabdon se nav varsh ka swagat bahut khub
बहुत मंगलकामनाऐं..अच्छा गीत बन पड़ा है, बधाई.
"ab dil meiN ye thaan chuke haiN,
dushman maar bhgaana hai ,
iss aatank blaa ka ab to,
kr dena hai kaam tmaam ."
Shyaamalji, aapki kavita
nav-jaagran ka anootha pramaan hai
itni s`shakt abhvyakti ke liye
mubaarakbaad qubool farmaaeiN.
---MUFLIS---
नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.
नववर्ष की शुभकामनाये ...
पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते।
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम।।
sach kaha aapne...
नववर्ष २००९ की मंगल कामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई !
नववर्ष २००९ की मंगल कामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई !
बहुत रो लिये वर्तमान पर परिवर्तन की हो कोशिश।
सार्थक होगा तब विचार जब हालातों पर लगे लगाम।।
bahut bahut sahi aur sundar baat !
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