Saturday, December 27, 2008

कामना

नव किरणें मुस्काकर लायीं नये वर्ष का नव पैगाम
कोयल कूक रही है जग में गूँजेगा भारत का नाम

वही आसमां वही फ़िज़ा है वही दिशाएँ अभी तलक
नयी चेतना नये जोश से नया सृजन होगा अविराम

बहुत रो लिये वर्तमान पर परिवर्तन की हो कोशिश
सार्थक होगा तब विचार जब हालातों पर लगे लगाम

पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम

नित नूतन संकल्पों से नव सोच की धारा फूटेगी
पत्थर पे भी सुमन खिलेंगे और होगा उपवन अभिराम

9 comments:

दिगम्बर नासवा said...

पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते।
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम।।

बहूत समय बाद श्यामल जी आप की कलम बोली,
एक शशक्त रचना, सुंदर कविता

आप को नव वर्ष की ढेरों कामनाएं

Anonymous said...

waah kya baat hai sundar alankari shabdon se nav varsh ka swagat bahut khub

Udan Tashtari said...

बहुत मंगलकामनाऐं..अच्छा गीत बन पड़ा है, बधाई.

daanish said...

"ab dil meiN ye thaan chuke haiN,
dushman maar bhgaana hai ,
iss aatank blaa ka ab to,
kr dena hai kaam tmaam ."
Shyaamalji, aapki kavita
nav-jaagran ka anootha pramaan hai
itni s`shakt abhvyakti ke liye
mubaarakbaad qubool farmaaeiN.
---MUFLIS---

Dev said...

नववर्ष की ढेरो शुभकामनाये और बधाइयाँ स्वीकार करे . आपके परिवार में सुख सम्रद्धि आये और आपका जीवन वैभवपूर्ण रहे . मंगल कामनाओ के साथ .धन्यवाद.

हरकीरत ' हीर' said...

नववर्ष की शुभकामनाये ...

पिंजड़े के तोते भी रट के बातें अच्छी कर लेते।
बस बातों से बात न बनती करना होगा मिलकर काम।।
sach kaha aapne...

अनन्य said...

नववर्ष २००९ की मंगल कामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई !

अनन्य said...

नववर्ष २००९ की मंगल कामनाओं सहित बहुत बहुत बधाई !

रंजना said...

बहुत रो लिये वर्तमान पर परिवर्तन की हो कोशिश।
सार्थक होगा तब विचार जब हालातों पर लगे लगाम।।


bahut bahut sahi aur sundar baat !

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