नजर मिली क्या तिरी नजर से
गयी न सूरत कभी नजर से
नजर किसी की लगे न तुमको
खुदा बचाये बुरी नजर से
नजर की बातें नजर ही जाने
सुनी है बातें कभी नजर से
नजर उठाना नजर झुकाना
वो कनखियाँ भी दिखी नजर से
वो तेरा जाना नजर चुरा के
नजर न आई कहीं नजर से
नजर मिला के हो सारी बातें
नयी चमक फिर उठी नजर से
नजर दिखा के किया है घायल
और मुस्कुराना नयी नजर से
नजर न आना बहुत दिनों तक
छलक पड़े कुछ इसी नजर से
भला करे क्यों नजर को टेढ़ी
कभी न गिरना किसी नजर से
नजर पे चढ़ के सुमन करे क्या
नजर है रचना खुली नजर से
गयी न सूरत कभी नजर से
नजर किसी की लगे न तुमको
खुदा बचाये बुरी नजर से
नजर की बातें नजर ही जाने
सुनी है बातें कभी नजर से
नजर उठाना नजर झुकाना
वो कनखियाँ भी दिखी नजर से
वो तेरा जाना नजर चुरा के
नजर न आई कहीं नजर से
नजर मिला के हो सारी बातें
नयी चमक फिर उठी नजर से
नजर दिखा के किया है घायल
और मुस्कुराना नयी नजर से
नजर न आना बहुत दिनों तक
छलक पड़े कुछ इसी नजर से
भला करे क्यों नजर को टेढ़ी
कभी न गिरना किसी नजर से
नजर पे चढ़ के सुमन करे क्या
नजर है रचना खुली नजर से
28 comments:
नजर न आना बहुत दिनों तक
छलक पड़े कुछ इसी नजर से
बहुत खूब एक नज़र के हज़ार रंग् सुन्दर अभिव्यक्ति बधाई
बहुत बढ़िया अभिव्यक्तिपूर्ण रचना शुक्रिया.
बहुत लाजवाब रचना! मन की भावना को आपने बड़े ही सुंदर रूप से व्यक्त किया है! लिखते रहिये !
aapki nazar jab mere nazar me aayi to dil me ghar kar gayi..
adbhut rcahna...nazar
badhayi!!!
बात नज़र की जब यूं चली है,
मेरी नज़र भी कुछ कह रही है,
नज़र में रहे गर मेरी नज़र की,
नज़र मेरी धन्य हो रही है....
साभार
प्रशान्त कुमार (काव्यांश)
हमसफ़र यादों का.......
रचना की नज़र उतारने को जी करता है...बेहतरीन
नीरज
नज़रों के पेंचो-ख़म में कभी पड़ा नहीं, लेकिन नज़रों के ऊपर आपका अनुसंधान अप्रतिम है, वह भी काव्य भाषा में; वल्लाह ! क्या बात है. बधाई है ! लिखते रहें; मेरी शुभकामनाएं !! आ.
नजर मिली क्या तेरी नजर से
तेरी छवि न गयी नजर से
वाह सच कहते हो भाई, यह नजर बडी कमबखत है जी.
बहुत ही सुंदर ढंग से आप ने नजर मिलाई.
धन्यवाद
nazar ke nazare dil ko choo gaye.
बहुत लाजवाब रचना! मन की भावना को आपने बड़े ही सुंदर रूप से व्यक्त किया है! लिखते रहिये !
अत्यन्त सुन्दर
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प्रेम अंधा होता है - वैज्ञानिक शोध
वाह ! वाह ! वाह ! आपके इस काव्यात्मक नजराने ने तो सचमुच दिल और नजर को ही बाँध लिया........लाजवाब रचना !!!
भला करे क्यों नजर को टेढ़ी
कभी न गिरना सभी नजर से
नजर पे चढ़ के सुमन करे क्या
नजर है रचना खुली नजर से
कमाल के शेर हैं,
सब एक से बढ़कर एक है।
बधाई।
नजर उठाना नजर झुकाना
वो कनखियाँ भी दिखीं नजर से
वो तेरा जाना नजर चुरा के
नजर न आई कहीं नजर से
waah kya baat hai sunder.
baut hi sundar.....sb najaro ka khel hai.......atisundar
बहुत खूब ....... नज़र se नज़र के NAZAARE..... Lajawaab
नजर ही नजर नजर आ रही है।
nazar ko nazar se nazar n lag jaye.
bahut sunder nazar ka nazarana likha hai aapne.
vah
नजर किया जो प्यार सभी ने
नमन सुमन का सही नजर से
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
shyamalsuman@gmail.com
इसे बुरी नज़रों से बचाइए
ऐसे ही शानदार लिखते जाइये
Nazar ko istarah tikaye rakha ki, hatee nahee..!
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नजर पे चढ़ के सुमन करे क्या
नजर है रचना खुली नजर से
bahut hi sundar!!!
नजरो की इन बातो पर मैं नजरो का क्या नजराना दूँ
सोचा है नजरो जैसा ही दूँ या फिर नजरो का ही पैमाना दूँ
मेरा प्रणाम स्वीकार करे
सादर प्रवीण पथिक
9971969084
नजर मिली क्या तेरी नजर से
तेरी छवि न गयी नजर से
नजर लगे न तुम्हें किसी की
नजर उतारूँ उसी नजर से
सुमन जी , आप की नजर ने तो टिपण्णी को भी नजर लगा दी , बेहद सुंदर
शनिवार 04/08/2012 को आपकी यह पोस्ट http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर लिंक की जाएगी. आपके सुझावों का स्वागत है . धन्यवाद!
बहुत खूब सर!
सादर
नजर मिली क्या तेरी नजर से
तेरी छवि न गयी नजर से
बहुत खूब ....... नज़र
नजर मिली क्या तेरी नजर से
तेरी छवि न गयी नजर से
बारादरी चलचित्र की पंक्ति
मुश्किल है तेरा लौट के जाना मेरे घर
तस्वीर बनायी है तेरी खूने जिगर से
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