मिले थे राह में अचानक कुछ पहर के लिए
बसा लिया है तुझे दिल में उम्र भर के लिए
बेचैन निगाहों से नजरें जहाँ मिलीं
देखा कि इक तड़प है हमसफर के लिए
अनजान ही मिले थे, दिल का पता मिला
बन जाऊँ खत मैं खुद ही इक असर के लिए
बस तीरगी थी अबतक रौशन हुआ जहाँ
क्यों कसक अभी है दिल में इक सहर के लिए
खुशियाँ मिलीं हैं सारी जब से मिलन हुआ
खुशबू, शजर सुमन की है नजर के लिए
Sunday, December 27, 2009
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19 comments:
बेहतरीन!!
यह अत्यंत हर्ष का विषय है कि आप हिंदी में सार्थक लेखन कर रहे हैं।
हिन्दी के प्रसार एवं प्रचार में आपका योगदान सराहनीय है.
मेरी शुभकामनाएँ आपके साथ हैं.
निवेदन है कि नए लोगों को जोड़ें एवं पुरानों को प्रोत्साहित करें - यही हिंदी की सच्ची सेवा है।
एक नया हिंदी चिट्ठा किसी नए व्यक्ति से भी शुरू करवाएँ और हिंदी चिट्ठों की संख्या बढ़ाने और विविधता प्रदान करने में योगदान करें।
आपका साधुवाद!!
शुभकामनाएँ!
समीर लाल
उड़न तश्तरी
"अनजान ही मिले थे, दिल का पता मिला
बन जाऊँ खत मैं खुद ही इक असर के लिए"
बहुत ही खूबसूरत पंक्तियाँ हैं ......!
बेहतरीन....!
ग़ज़ल के बेताज बादशाह..बहुत बहुत बधाई..आपके ग़ज़लें दिल जीत लेती है..यह रचना भी अत्यन्त प्रभावशाली है...प्रस्तुतिकरण के लिए बहुत बहुत आभार
बहुत अच्छा लिखा है आपने ..मेरी शुभकामनायें..
बहुत सुंदर.
बहुत लाजवाब. नये साल की रामराम.
रामराम.
अनजान ही मिले थे, दिल का पता मिला
बन जाऊँ खत मैं खुद ही इक असर के लिए
bahut hi badhiyaa
पढ़कर आनंद की प्राप्ति हुई.
बस तीरगी थी अबतक रौशन हुआ जहाँ
क्यों कसक अभी है दिल में इक सहर के लिए
एक-से-बढ़कर-एक शेर लिए ख़ूबसूरत ग़ज़ल। बहुत-बहुत धन्यवाद
आपको नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं।
पढ़कर आनंद की प्राप्ति हुई.
बहुत ही भावपूर्ण निशब्द कर देने वाली रचना . गहरे भाव.
बहुत बढ़िया रचना।
नव वर्ष की शुभकामनायें।
अनजान ही मिले थे, दिल का पता मिला
बन जाऊँ खत मैं खुद ही इक असर के लिए
बहुत ही सुन्दर
सुन्दर कविता!
आज के चर्चा मंच में इसे शामिल किया है!
मिला जो स्नेह मुझे सचमुच खुशियाँ भी मिलीं
सुमन का दिल से है आभार ब्लागर के लिए
सादर
श्यामल सुमन
09955373288
www.manoramsuman.blogspot.com
मन को स्पंदित करने वाली रचना पढ़ाने के लिया आभार.....
बेचैन निगाहों से नजरें जहाँ मिलीं
देखा कि इक तड़प है हमसफर के लिए
सुन्दर अति सुन्दर पंक्ति व कविता ।
"अनजान ही मिले थे, दिल का पता मिला
बन जाऊँ खत मैं खुद ही इक असर के लिए"
सबसे शानदार शेर | गजल सुन्दर है | आभार |
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