Friday, August 26, 2011

आग उदर जलती सरकार

दशकों से चलती सरकार
जनता को छलती सरकार

सैंतालिस से सबके दिल में
आशाएं पलती सरकार

आमजनों का दुख न सुनना
यह तो है गलती सरकार

बहुजन तो भूखे भारत में
आग उदर जलती सरकार

मौज में संसद पर ये जनता
हाथ यहाँ मलती सरकार

5 comments:

गुड्डोदादी said...

श्यामल जी
आशीर्वाद

सैंतालिस से सबके दिल में
आशाएं पलती सरकार\
हृदय विदारक सुंदर गजल

१९४७ के विभाजन के दृश्य आज भी

S.M.HABIB (Sanjay Mishra 'Habib') said...

दशकों से चलती सरकार
जनता को छलती सरकार
बहुत शानदार भईया...
सादर....

प्रवीण पाण्डेय said...

सब अपना महत्व सिद्ध करेंगे।

रजनीश तिवारी said...

bahut badhiya saargarbhit rachna

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

सटीक प्रस्तुति

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