लोग यही अक्सर कहे जीवन है संघर्ष।
देता है संघर्ष ही जीवन को उत्कर्ष।।
घृणा, ईर्ष्या, क्रोध संग त्यागे जो उन्माद।
जीवन तब अनमोल है नित्य घटे अवसाद।।
आज प्रगति के नाम पर संकट में विश्वास।
फिर भी सबको है लगी इक दूजे से आस।।
प्रेम, सजगता, सौम्यता है जीवन का मूल।
मगर कलह आवेश में क्यों होती यह भूल।।
तीस बरस की जिन्दगी सुमन संगिनी संग।
खोज रहा श्यामल सदा जीवन के नव-रंग।।
देता है संघर्ष ही जीवन को उत्कर्ष।।
घृणा, ईर्ष्या, क्रोध संग त्यागे जो उन्माद।
जीवन तब अनमोल है नित्य घटे अवसाद।।
आज प्रगति के नाम पर संकट में विश्वास।
फिर भी सबको है लगी इक दूजे से आस।।
प्रेम, सजगता, सौम्यता है जीवन का मूल।
मगर कलह आवेश में क्यों होती यह भूल।।
तीस बरस की जिन्दगी सुमन संगिनी संग।
खोज रहा श्यामल सदा जीवन के नव-रंग।।
21 comments:
तीस बरस की जिन्दगी सुमन संगिनी संग।
खोज रहा श्यामल सदा जीवन के नव-रंग।।
Wah! Bahut khoob!
श्यामल व सुमन बेटी
आशीर्वाद
तीसवीं प्रणय सूत्र की ढेरों ढेर बधाई
तीस बरस की जिन्दगी सुमन संगिनी संग।
खोज रहा श्यामल सदा जीवन के नव-रंग।।
प्रेम जिस हृदय में नहीं है, वही दरिद्र है, वही दीन है, वही अशक्त है. प्रेम शक्ति है, प्रेम संपदा है, प्रेम प्रभुता है. प्रेम के अतिरिक्त जो किसी और संपदा को खोजता है, एक दिन उसकी ही संपदा उससे पूछती है : ”क्या तुम मनुष्य हो?”
सौजन्य - ‘पथ के प्रदीप’ से. प्रस्तुति
प्रेम, सजगता, सौम्यता है जीवन का मूल।
मगर कलह आवेश में क्यों होती यह भूल।।
....बहुत सार्थक और सुंदर प्रस्तुति..
:)jarur milega जीवन के नव-रंग:)))
बड़े सुन्दर दोहे हैं आदरणीय श्यामल सर...
अंतिम दोहे के संकेत पर सादर बधाई....
आपको बहुत बहुत बधाई।
बहुत सुन्दर भावप्रणव दोहे!
बेहतरीन शब्द समायोजन..... भावपूर्ण अभिवयक्ति....
यह सुहाना सफ़र यूँ ही चलता रहे ।
तीसवीं वैवाहिक वर्षगांठ पर हार्दिक बधाई और शुभकामनायें ।
लोग यही अक्सर कहे जीवन है संघर्ष।
देता पर संघर्ष ही जीवन को उत्कर्ष।।
सच कहा आपने
घृणा, ईर्ष्या, क्रोध संग त्यागे जो उन्माद।
जीवन तब अनमोल है नित्य घटे अवसाद।।
bahut sundar rachna....badhai evm shubhkamnayen
bhavmayi ...bahut sunder prastuti ...
bahut badiya
shadi ki saalgirah ki badhai
बहुत बधाई..आपने क्या खूब मनाई!
बधाई!
आज प्रगति के नाम पर संकट में विश्वास।
फिर भी सबको है लगी इक दूजे से आस।।..behad shandar rachna ki ye panktiyan mujhe bishes roop se pasand aayeein..sadar badhayee aaur amantran ke sath
जिंदगी बीत गई मन मंदिर का कोना सजा ना पायी किस्से मांगू दुहाई चार सांसों की अलगाव ही आयी
Guddo Dadi
लोग यही अक्सर कहे जीवन है संघर्ष।
देता पर संघर्ष ही जीवन को उत्कर्ष।।
घृणा, ईर्ष्या, क्रोध संग त्यागे जो उन्माद।
जीवन तब अनमोल है नित्य घटे अवसाद।।
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आज प्रगति के नाम पर संकट में विश्वास।
फिर भी सबको है लगी इक दूजे से आस।।
प्रेम, सजगता, सौम्यता है जीवन का मूल।
मगर कलह आवेश में क्यों होती यह भूल।।
तीस बरस की जिन्दगी सुमन संगिनी संग।
खोज रहा श्यामल सदा जीवन के नव-रंग।।
Posted by श्यामल सुमन at 6:40 PM 0 comments
Labels: दोहे
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anumati se anusrnऔर आगे देखें
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Kunwar Amit Singh, Saurabh Pandey, Alzira Lobo और 15 अन्य को यह पसंद है..
Vandana Gupta bahut sundarशनिवार को 00:50 बजे · पसंदनापसंद.Preeti Khanna Fernandes bahut khub !!! PRANAM DADI....शनिवार को 01:28 बजे · पसंदनापसंद.Sp Dogra Dadi jee jai ho!शनिवार को 02:00 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi एस पी डोगरा नन्हे भाई धन्यवादशनिवार को 02:26 बजे · पसंदनापसंद · 1लोड हो रहा है....Guddo Dadi प्रीती नन्हों बिट्टो आशीर्वादशनिवार को 02:26 बजे · पसंदनापसंद · 1लोड हो रहा है....Guddo Dadi वंदना बेटी धन्यवादशनिवार को 02:26 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi रूकमानंद सेन बेटा आशीर्वादशनिवार को 02:27 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi दलजीत कौर जी धनवादशनिवार को 02:27 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi कुमोद रंजन बेटा आशीर्वादशनिवार को 02:28 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi अमरेश कुमार जी धन्यवादशनिवार को 02:33 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi निहारिका नन्हों आशीर्वादशनिवार को 06:30 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi दिनेश जंगीर दनेवा जी धन्यवादशनिवार को 06:31 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi अर्जन मीरचंदानी जी धन्यवादशनिवार को 06:32 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi गोपी बेटा आशीर्वादशनिवार को 06:36 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi सूरज प्रकाश बेटा आशीर्वादशनिवार को 06:36 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi नरेंदर किशोर जी धन्यवादशनिवार को 08:24 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi दिनेश रामपाल नन्हे भाई धन्यवादशनिवार को 08:24 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi अल्जिरा कुड़िये तुहाडा धनवादशनिवार को 10:15 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi हरी बेटा आशीर्वादशनिवार को 10:15 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi कवि श्यामल जी की आभारी हूँ अपनी रचनाएं सहमति से फेसबुक और ऑरकुट पर प्रकाशित की अनुमति दादी हूँ परिवार की धन्यवाद आभारशनिवार को 10:18 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi दोहों का शीर्षक है जीवन के नवरंग (लिखना भूल गई )क्षमा याचनाशनिवार को 10:32 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi कुँवर अमित सिंह बेटा आशीर्वादबीते कल 01:49 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi सौरभ पांडे बेटा आशीर्वादबीते कल 01:50 बजे · पसंदनापसंद.Ravi Kedia dadi aap kaisi hoबीते कल 04:47 बजे · पसंदनापसंद.Guddo Dadi रवि केडिया जी आशीर्वाद शुभ कामनाएँबीते कल 05:08 बजे · पसंदनापसंद...
Abdulaziz Abid
تو نے کس دل کو دکھایا ہے تجھے کیا معلوم
کس صنم خانے کو ڈھایا ہے تجھے کیا معلوم
ھم نے ہنس ہنس کے تری بزم مین اے پیکر ناز
گتنی آھوں کو چھپایا ہے تجھے کیا معلوم
waah bahut khub....umdaa
तीस बरस की जिन्दगी सुमन संगिनी संग।
खोज रहा श्यामल सदा जीवन के नव-रंग।।
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