Tuesday, December 6, 2011

जहाँ प्यास में भी प्यास है

रंगीन दिखती जो जिन्दगी, अनुभूतियाँ कुछ ख़ास है
खुशियों के भीतर झांककर, देखा जो मन को उदास है

चेहरे पे दिखते असल नहीं, अब असलियत दिखती कहाँ

बनी जिन्दगी जो मरीचिका, जहाँ प्यास में भी प्यास है

जिसको जहाँ में पूछ लो, कहते कि दुःख में है जिन्दगी

यूँ बात करके भी जी रहे, क्योंकि जिन्दगी से ही आस है

मजबूरियों से जूझकर, जीते हैं
जो भी जिन्दगी
मिहनत की हर बूँदें कहे, इस जिन्दगी में सुवास है

जब जिन्दगी बस प्यार है, और प्यार इक दीवानगी

दीवानगी यूँ बनी रहे, वो मन सुमन के पास है

18 comments:

प्रवीण पाण्डेय said...

आपकी यह दीवानगी निश्चय ही बरकरार रहेगी।

Anupama Tripathi said...

जिसको जहाँ में पूछ लो, कहते की दुःख में है जिन्दगी
यूँ बात करके भी जी रहे, चूँकि जिन्दगी से आस है

सुंदर आस झलकाती..अच्छी कविता ...!!

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

चेहरे पे दिखते असल नहीं, अब असलियत दिखती कहाँ
बनी जिन्दगी जो मरीचिका, जहाँ प्यास में भी प्यास है


सुन्दर रचना ..

गुड्डोदादी said...

श्यामल
आशीर्वाद
चेहरे पे दिखते असल नहीं, अब असलियत दिखती कहाँ
बनी जिन्दगी जो मरीचिका, जहाँ प्यास में भी प्यास है
बहुत जी कर लिक्खी यह कविता भी कुछ खास है
बहे अश्रु नमकीन पर भावनाओं में मिठास है

नीलू said...

खुशियों के भीतर झांककर, देखा जो मन को उदास है


उदासी तेरे चहरे पे गवारा भी नहीं लेकिन,
तेरी खातिर सितारे तोड़ कर लाना मुश्किल

kshama said...

मजबूरियों से जूझकर, जीते हैं जो भी जिन्दगी
मिहनत की हर बूँदें कहे, इस जिन्दगी में सुवास है

जब जिन्दगी बस प्यार है, और प्यार इक दीवानगी
दीवानगी यूँ बनी रहे, वो मन सुमन के पास है
Wah!

कबीर कुटी - कमलेश कुमार दीवान said...

achchi gajal hai

Dr.Ashutosh Mishra "Ashu" said...

jindgi se aas hona hee chahiye,, sukh dukh to do pahloo hain..sunder rachna..sadar badhayee aaur amantran ke sath..

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

आपकी किसी नयी -पुरानी पोस्ट की हल चल आज 08 -12 - 2011 को यहाँ भी है

...नयी पुरानी हलचल में आज... अजब पागल सी लडकी है .

Asha Lata Saxena said...

मारीचिका का बहुत सही बिम्ब बहुत अच्छा लगा |
बधाई
आशा

चन्द्र भूषण मिश्र ‘ग़ाफ़िल’ said...

बहुत सुन्दर प्रविष्टि...बधाई

रश्मि प्रभा... said...

चेहरे पे दिखते असल नहीं, अब असलियत दिखती कहाँ
बनी जिन्दगी जो मरीचिका, जहाँ प्यास में भी प्यास है
waah

कविता रावत said...

जिसको जहाँ में पूछ लो, कहते कि दुःख में है जिन्दगी
यूँ बात करके भी जी रहे, क्योंकि जिन्दगी से ही आस है

मजबूरियों से जूझकर, जीते हैं जो भी जिन्दगी
मिहनत की हर बूँदें कहे, इस जिन्दगी में सुवास है
...jiwan ki sachai uker dee aapne rachna mein... aabhar!

रंजना said...

बहुत बहुत सुन्दर भाई जी...सदा की तरह....प्रेरक, चिंतन को खुराक देती रचना...

अनुपमा पाठक said...

सुन्दर!

नन्हों said...

जब जिन्दगी बस प्यार है, और प्यार इक दीवानगी

बहुत उत्तम
तीर बिछाए नजरों ने जुल्फों के घने साये में
सजनवा अब तो तेरे बिना रहा ना जाये रे

Latest Bollywood News said...

Very very Nice post our team like it thanks for sharing

***Punam*** said...

बहुत बहुत सुन्दर ....

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