वर्षों हमने की है मुहब्बत, नूर अभी तक आँखों में
फिर कैसी है आज अदावत, नूर अभी तक आँखों में
कभी दूर ना हम दोनों थे, इक दूजे की बाँहों से
शेष अभीतक वैसी चाहत, नूर अभी तक आँखों में
जीवन में दोनों पहिये का, मान बराबर हो जाए
तब शायद ही कोई शिकायत, नूर अभी तक आँखों में
घर में हों या फिर महफिल में, आँखों से बतियाते हम
समझे इक दूजे की नीयत, नूर अभी तक आँखों में
ऐसी अनुपम जोड़ी के पथ, सदियों तक हो सदा सुमन
हर साँसों में ख़ास इनायत, नूर अभी तक आँखों में
फिर कैसी है आज अदावत, नूर अभी तक आँखों में
कभी दूर ना हम दोनों थे, इक दूजे की बाँहों से
शेष अभीतक वैसी चाहत, नूर अभी तक आँखों में
जीवन में दोनों पहिये का, मान बराबर हो जाए
तब शायद ही कोई शिकायत, नूर अभी तक आँखों में
घर में हों या फिर महफिल में, आँखों से बतियाते हम
समझे इक दूजे की नीयत, नूर अभी तक आँखों में
ऐसी अनुपम जोड़ी के पथ, सदियों तक हो सदा सुमन
हर साँसों में ख़ास इनायत, नूर अभी तक आँखों में
7 comments:
जीवन में दोनों पहिये का, मान बराबर हो जाए
तब शायद ही कोई शिकायत, नूर अभी तक आँखों में
बहुत सुंदर भाव अभिव्यक्ति,,,,,,
MY RECENT POST,,,,,काव्यान्जलि,,,,,सुनहरा कल,,,,,
श्यामल आशीर्वाद
घर में हों या फिर महफिल में, आँखों से बतियाते हम
समझे इक दूजे की नीयत, नूर अभी तक आँखों में
बहुत ही गजब का गजल
कोहिनूर हीरा कुछ भी नहीं गजल के आगे
ऐसी अनुपम जोड़ी के पथ, सदियों तक हो सदा सुमन
हर साँसों में ख़ास इनायत, नूर अभी तक आँखों में...acchi ghazal sadar badhayee aaur amantran ke sath
हम तो चाहें बरसें हरदम नूर तुम्हारी आँखों में..
बहुत सुन्दर मखमली ग़ज़ल
वाह नूर अभी तक आँखों में .....
हीर की आँखों में नूर था
रांजा भी प्यार में नहीं दूर था
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