जहाँ भावना हो कमजोर।
देखो प्यारे नभ की ओर।।
तारे जहाँ सदा हँसते हैं,
और चमकता चँदा।
जी सकते तो जी लो ऐसे,
छूटेगा हर फंदा।
आग उगलता सूरज फिर भी,
ले आता नित भोर।।
देखो प्यारे ----
नदियों की खुशियाँ तो देखो,
गीत हमेशा गाती है।
हर विरोध के पत्थर को भी,
सँग बहा ले जाती है।
तब उसकी मस्ती बढ़ती जब,
घटा घिरे घनघोर।।
देखो प्यारे ----
भले तोड़ ले कोई सुमन को,
फिर भी वह तो हँसता है।
और सुगंध भी कैद नहीं जो,
हवा के सँग सँग बहता है।
चिड़ियों की कलरव में धुन है,
मत कहना तू शोर।।
देखो प्यारे ----
देखो प्यारे नभ की ओर।।
तारे जहाँ सदा हँसते हैं,
और चमकता चँदा।
जी सकते तो जी लो ऐसे,
छूटेगा हर फंदा।
आग उगलता सूरज फिर भी,
ले आता नित भोर।।
देखो प्यारे ----
नदियों की खुशियाँ तो देखो,
गीत हमेशा गाती है।
हर विरोध के पत्थर को भी,
सँग बहा ले जाती है।
तब उसकी मस्ती बढ़ती जब,
घटा घिरे घनघोर।।
देखो प्यारे ----
भले तोड़ ले कोई सुमन को,
फिर भी वह तो हँसता है।
और सुगंध भी कैद नहीं जो,
हवा के सँग सँग बहता है।
चिड़ियों की कलरव में धुन है,
मत कहना तू शोर।।
देखो प्यारे ----
16 comments:
बहुत ही प्यारा गीत लिखा है श्यामल जी
बहुत खूबसूरत श्यामल भाय , बेहतरीन पंक्तियां ।
बेहतरीन अभिव्यक्ति.....
बहुत सुंदर गीत.....
भले तोड़ ले कोई सुमन को,
फिर भी वह तो हँसता है।
और सुगंध भी कैद नहीं है,
हवा के सँग सँग बहता है।
प्यारे भाव समेटे....
वाह सुमन जी बहुत बढ़िया
वाह, मन झूम उठा।
श्यामल
आशीर्वाद
आग उगलता सूरज फिर भी,
नित ले आता भोर।।
देखो फिर से नभ की ओर।
जीने की राह उत्साह की शिक्षा प्रद प्रेरणा
बधाई स्वीकार करें
Sundar shabdon se rachi sundar rachna..
सुंदर गीत, नदिया के प्रवाह जैसा ।
मनमोहक रचना
सादर
बहुत बढ़िया सर !
सादर
waah...Awesome composition.. Badhayi !!
बहुत ही सुन्दर रचना...
अति सुन्दर ...
बेहतरीन प्रस्तुति।
सुन्दर,सरस और लयबद्ध प्रस्तुति
नयी ऊर्जा का सन्चार करती हुई
श्यामल
आशीर्वाद सदा सुखी रहो
भले तोड़ ले कोई सुमन को,
फिर भी वह तो हँसता है।
और सुगंध भी कैद नहीं है,
हवा के सँग सँग बहता है।
कैसे शब्दों को माला पिरो देते हो करीने से ?
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