किसकी गलती, कौन सही है
बस उलझन की बात यही है
हंगामे की जाँच करो तो
कारण जो बिल्कुल सतही है
सब आतुर ये समझाने में
सबसे मीठा अपन दही है
जुल्मी सीना तान खड़े हैं
ऐसी उल्टी हवा बही है
हैं विधान के जो रखवाले
प्रायः मुजरिम आज वही है
हम सुधरेंगे, जग सुधरेगा
इस दुनिया की रीति यही है
करके ही कुछ पाना संभव
सुमन पते की बात कही है
5 comments:
कुछ करके ही पाना संभव
सुमन पते की बात कही है
बहुत सुंदर क्या बात हैं
बहुत पते की बात कही है।
सचमुच पते की बात......
सुन्दर...
अनु
है इन्साफ हाथ में जिनके
प्रायः मुजरिम आज वही है
(क्या संभव है )
जब न्याय यहाँ बिकता हो
देश की चिंता नहीं रही
सीना तान खड़े हैं जुल्मी
ऐसी उल्टी हवा बही है
है इन्साफ हाथ में जिनके
प्रायः मुजरिम आज वही है
हम सुधरेंगे जग सुधरेगा
इस दुनिया की रीति यही है
जो भी बातें कहीं आपने
कहना बिलकुलसही सही है ।
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