प्रश्न उछलता रोज ही, अगला राजा कौन।
राजा चुनते जो सुमन, वह जनता है मौन।।
मेरा दल अच्छा बहुत, चुनकर भेजें आप।
राहुल या मोदी बने, जनता पर अभिशाप।।
नीति योजना है नहीं, सब करते बकवास।
दशकों में टूटा सुमन, जनता का विश्वास।।
ठंढा घर में बैठकर, करे गरीबी दूर।
शोषण है जारी सुमन, जनता है मजबूर।।
भोजन, कपड़ा, घर सुमन, यही चाहते आम।
मँहगाई नित बढ़ रही, कोई नहीं लगाम।।
लोगों में हो एकता, मिल सब करना चोट।
चेत सुमन उस वक्त पे, जब ये माँगे वोट।।
राजा चुनते जो सुमन, वह जनता है मौन।।
मेरा दल अच्छा बहुत, चुनकर भेजें आप।
राहुल या मोदी बने, जनता पर अभिशाप।।
नीति योजना है नहीं, सब करते बकवास।
दशकों में टूटा सुमन, जनता का विश्वास।।
ठंढा घर में बैठकर, करे गरीबी दूर।
शोषण है जारी सुमन, जनता है मजबूर।।
भोजन, कपड़ा, घर सुमन, यही चाहते आम।
मँहगाई नित बढ़ रही, कोई नहीं लगाम।।
लोगों में हो एकता, मिल सब करना चोट।
चेत सुमन उस वक्त पे, जब ये माँगे वोट।।
5 comments:
राजा की ही बात हो रही,
राज व्यवस्था रात हो रही।
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
क्या बतलाऊँ अपना परिचय ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः004
थोडी सी सावधानी रखे और हैकिंग से बचे
बहुत सुन्दर प्रस्तुति..
क्या बतलाऊँ अपना परिचय ..... - हिंदी ब्लॉगर्स चौपाल - अंकः004
थोडी सी सावधानी रखे और हैकिंग से बचे
सुमन जी ..जनता जब तक जागेगी नहीं कुछ होने वाला नहीं है /शानदार ग़ज़ल . हार्दिक बधाई
सुंदर सृजन ! वाह !बहुत बेहतरीन प्रस्तुति !!
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