कुछ ऐसी हलचल है दिल में जाने कैसी बात आजकल
आँखों में कटतीं हैं रातें दिन में होती रात आजकल
बातें कुछ ऐसी भी होतीं होठों से हम कह ना पाते
चेहरे पर है कभी उदासी हँस देते बेबात आजकल
बंद हो चाहे खुली हो आँखें इक प्यारी तस्वीर उभरती
अब दर्पण की क्या है जरूरत सच में ये सौगात आजकल
दिल की बातें दिल ही जाने रोज धड़कता किसकी खातिर
बेचैनी है, कण्ठ भी सूखे, आँखों मे बरसात आजकल
कोई पागल कहे सुमन को कोई कहता बैरागी है
भला समझता कौन यहाँ पर दिल में क्या जज्बात आजकल
आँखों में कटतीं हैं रातें दिन में होती रात आजकल
बातें कुछ ऐसी भी होतीं होठों से हम कह ना पाते
चेहरे पर है कभी उदासी हँस देते बेबात आजकल
बंद हो चाहे खुली हो आँखें इक प्यारी तस्वीर उभरती
अब दर्पण की क्या है जरूरत सच में ये सौगात आजकल
दिल की बातें दिल ही जाने रोज धड़कता किसकी खातिर
बेचैनी है, कण्ठ भी सूखे, आँखों मे बरसात आजकल
कोई पागल कहे सुमन को कोई कहता बैरागी है
भला समझता कौन यहाँ पर दिल में क्या जज्बात आजकल
6 comments:
वाह सुमन जी . सुंदर.
कल 26/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!
दिल की बातें दिल ही जाने रोज धड़कता किसकी खातिर
बेचैनी है, कण्ठ भी सूखे आँखों मे बरसात आजकल
बहुत दमदार..
बहुत सुन्दर...
बहुत सुंदर..
आशीर्वाद shyamal
चेहरे पर है कभी उदासी हँसता है बेबात आजकल
अब दर्पण की क्या है जरूरत सच में ये सौगात आज
चेहरे भाव कह गये सब कुछ
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