Monday, September 23, 2013

दिन में होती रात आजकल

कुछ ऐसी हलचल है दिल में जाने कैसी बात आजकल
आँखों में कटतीं हैं रातें दिन में होती रात आजकल

बातें कुछ ऐसी भी होतीं होठों से हम कह ना पाते
चेहरे पर है कभी उदासी हँस देते बेबात आजकल

बंद हो चाहे खुली हो आँखें इक प्यारी तस्वीर उभरती
अब दर्पण की क्या है जरूरत सच में ये सौगात आजकल

दिल की बातें दिल ही जाने रोज धड़कता किसकी खातिर
बेचैनी है, कण्ठ भी सूखे, आँखों मे बरसात आजकल

कोई पागल कहे सुमन को कोई कहता बैरागी है
भला समझता कौन यहाँ पर दिल में क्या जज्बात आजकल

6 comments:

Kajal Kumar's Cartoons काजल कुमार के कार्टून said...

वाह सुमन जी . सुंदर.

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 26/09/2013 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद!

प्रवीण पाण्डेय said...

दिल की बातें दिल ही जाने रोज धड़कता किसकी खातिर
बेचैनी है, कण्ठ भी सूखे आँखों मे बरसात आजकल

बहुत दमदार..

Kailash Sharma said...

बहुत सुन्दर...

रश्मि शर्मा said...

बहुत सुंदर..

गुड्डोदादी said...


आशीर्वाद shyamal
चेहरे पर है कभी उदासी हँसता है बेबात आजकल
अब दर्पण की क्या है जरूरत सच में ये सौगात आज
चेहरे भाव कह गये सब कुछ

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