भले सितारे हो गर्दिश में मगर सितारों पे दिल है
पता नहीं रखवाला मेरा कौन यहाँ पर कातिल है
नदी अगर दुनिया को कहते जीवन है उसका पानी
मस्त जिन्दगी धारा जैसी सुख दुख दोनो साहिल है
चलते फिरते कठपुतली सी होठों पे मुस्कान लिए
भागमभाग मची आपस में पता नहीं क्या मंजिल है
रंग बिरंगे परिधानों में गाजे बाजे बजा रहे
भाव मशीनों के जैसा तो सूनी सूनी महफिल है
सुन लेते जो गौर से अक्सर ऐसे लोग कहाँ मिलते
सुमन बोलकर साबित करता बाकी दुनिया जाहिल है
पता नहीं रखवाला मेरा कौन यहाँ पर कातिल है
नदी अगर दुनिया को कहते जीवन है उसका पानी
मस्त जिन्दगी धारा जैसी सुख दुख दोनो साहिल है
चलते फिरते कठपुतली सी होठों पे मुस्कान लिए
भागमभाग मची आपस में पता नहीं क्या मंजिल है
रंग बिरंगे परिधानों में गाजे बाजे बजा रहे
भाव मशीनों के जैसा तो सूनी सूनी महफिल है
सुन लेते जो गौर से अक्सर ऐसे लोग कहाँ मिलते
सुमन बोलकर साबित करता बाकी दुनिया जाहिल है
8 comments:
कल 19/01/2014 को आपकी पोस्ट का लिंक होगा http://nayi-purani-halchal.blogspot.in पर
धन्यवाद !
नहीं ज्ञात है, कौन क्या है।
bahut sundar...
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
पोस्ट को साझा करने के लिए आभार।
परत दर परत मुखौटा चढ़ा है ....
नदी अगर दुनिया को कहते जीवन है उसका पानी
मस्त जिन्दगी धारा जैसी सुख दुख दोनो साहिल है
चलते फिरते कठपुतली सी होठों पे मुस्कान लिए
भागमभाग मची आपस में पता नहीं क्या मंजिल है
पता नहीं फिर भी हर कोई भाग रहा है.कौन कहाँ जा रहा है शायद खुद को खबर नहीं.सुन्दर ग़ज़ल.
नदी अगर दुनिया को कहते जीवन है उसका पानी
मस्त जिन्दगी धारा जैसी सुख दुख दोनो साहिल है
चलते फिरते कठपुतली सी होठों पे मुस्कान लिए
भागमभाग मची आपस में पता नहीं क्या मंजिल है
पता नहीं फिर भी हर कोई भाग रहा है.कौन कहाँ जा रहा है शायद खुद को खबर नहीं.सुन्दर ग़ज़ल.
Bahut Umda!!
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