आयी इक नयी बयार, संघम् शरणम् गच्छामि
चुन ली हमने सरकार, संघम् शरणम् गच्छामि
पहले जो शासक आए, हालात बदल ना पाए
क्या होगा अभी सुधार, संघम् शरणम् गच्छामि
आँखों में आँसू भरते, और अच्छी बातें करते
क्या बदलेगा व्यवहार, संघम् शरणम् गच्छामि
रोटी की जिन्हें जरूरत, वे देंगे देख मुहुरत
क्या भूखों से व्यापार, संघम् शरणम् गच्छामि
अब तो भी शासक जागे, क्या होता देखो आगे
क्यों बने सुमन लाचार, संघम् शरणम् गच्छामि
चुन ली हमने सरकार, संघम् शरणम् गच्छामि
पहले जो शासक आए, हालात बदल ना पाए
क्या होगा अभी सुधार, संघम् शरणम् गच्छामि
आँखों में आँसू भरते, और अच्छी बातें करते
क्या बदलेगा व्यवहार, संघम् शरणम् गच्छामि
रोटी की जिन्हें जरूरत, वे देंगे देख मुहुरत
क्या भूखों से व्यापार, संघम् शरणम् गच्छामि
अब तो भी शासक जागे, क्या होता देखो आगे
क्यों बने सुमन लाचार, संघम् शरणम् गच्छामि
2 comments:
आशा रखें---आसहीन जीवन सूखी खेती है.
aap ke blog par aana sukhad laaga , umdaa rachnaaye , namskar
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