Friday, October 10, 2014

संकट में विश्वास

छोटी मोटी बात को, अगर नहीं दें तूल।
काँटे खुद हट जायेंगे, मिले राह में फूल।।

दुनिया है सहयोग से, सबसे सबको आस।
बात दुखद है ये सुमन, संकट में विश्वास।।

रिश्ते प्यारे तबतलक, ठीक रहे सम्बन्ध।
कोशिश कर टूटे नहीं, रिश्तों के अनुबन्ध।।

रिश्ते बनते इसलिए, जीना हो आसान।
देख सुमन नित हो रहा, रिश्तों का अपमान।।

रिश्ते में अपने सुमन, अक्सर खेले दाव।
रिसते रिसते बन रहे, रिश्तों में भी घाव।।

1 comment:

Reetesh Gupta said...

बहुत बढ़िया क्या बात है. बधाई !

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