जी करता सरताज बना लूँ
या अपना हमराज बना लूँ
याद मुझे है मधुर मिलन भी
गुजरे कल को आज बना लूँ
बागों में मकरन्द छुपा है
दुख में भी आनन्द छुपा है
तेरी यादें और तुम्ही में
गीत-गज़ल औ छन्द छुपा है
जीवन में तब धार नहीं है
अगर किसीसे प्यार नहीं है
प्यार हुआ तो अक्सर यारो
कहने को तैयार नहीं है
यादों पर इक पहरा दे दो
या माथे पर सेहरा दे दो
खुशी अगर मंजूर नहीं तो
जख्म सुमन को गहरा दे दो
या अपना हमराज बना लूँ
याद मुझे है मधुर मिलन भी
गुजरे कल को आज बना लूँ
बागों में मकरन्द छुपा है
दुख में भी आनन्द छुपा है
तेरी यादें और तुम्ही में
गीत-गज़ल औ छन्द छुपा है
जीवन में तब धार नहीं है
अगर किसीसे प्यार नहीं है
प्यार हुआ तो अक्सर यारो
कहने को तैयार नहीं है
यादों पर इक पहरा दे दो
या माथे पर सेहरा दे दो
खुशी अगर मंजूर नहीं तो
जख्म सुमन को गहरा दे दो
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