Thursday, September 17, 2015

करता वही कमाल मुसाफिर

जितने  भी  हो मोड़ मुसाफिर
तू हिम्मत मत छोड़ मुसाफिर
हर   खट्टे - मीठे  अनुभव  से
आमजनों को जोड़ मुसाफिर

               सबके अपने साज मुसाफिर
               अलग सभी के राज मुसाफिर
                राज, साज मिलते आपस में
                बनते तब हमराज मुसाफिर

खबर सनसनीखेज मुसाफिर
भुना  रहे  जो  तेज मुसाफिर
मनमाफिक  जो  रंग चढ़ा दे
वही कुशल रंगरेज मुसाफिर

               सुर अपना हो ताल मुसाफिर
               तब सुलझे जंजाल मुसाफिर
               हरपल भूख जिसे कुछ सीखें
               करता वही कमाल मुसाफिर

मिले हृदय को चैन मुसाफिर
जब प्रियतम पे नैन मुसाफिर
लेकिन पल  कितने कम ऐसे
सब  दिखते बेचैन  मुसाफिर

                जो रचना के भाव मुसाफिर
                वैसा  ही  फैलाव  मुसाफिर
                ठहर ठहर  पाठक श्रोता से 
                लेते  रहो  सुझाव  मुसाफिर

पूर्ण  करो जब काम मुसाफिर
कर  सकते  विश्राम मुसाफिर 
सुमन  मिले  नूतन  उर्जा फिर 
काम करो अविराम मुसाफिर

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