Monday, November 2, 2015

ये जीवन पाठशाला है

 कोई मशगूल अपने में कोई बेजार मिलता है
बिना संघर्ष के किसको यहाँ अधिकार मिलता है
शुरू हैं जंग जीवन में सभी की कोशिशें अपनी
किसी को हार मिलती तो किसी को हार मिलता है

कहीं बजती है शहनाई बगल में चीख मिलती है
यहाँ अधिकार के बदले हमेशा भीख मिलती है
हकीकत से उलट है जिन्दगी का फलसफा यारो
ये जीवन पाठशाला है जहाँ नित सीख मिलती है

गमों को बाँटने की कोशिशें कर, मातवर बन जा
सुनेंगे बात सब तेरी अगर तू नामवर बन जा
सभी एक साथ मिलके जी सके दुनिया तभी कायम
नहीं मुमकिन हुआ ऐसा तो फिर से जानवर बन जा

जो बांटे प्यार दुनिया में उसे ही प्यार मिलता है
करे दूजे का जो आदर उसे सत्कार मिलता है
बिना कुछ काम के हक मांगते, नारे लगाते क्यों
सुमन कर्तव्य अपना कर स्वतः अधिकार मिलता है

जहाँ पत्थर बने भगवान का प्रतिमान पूजित है
वहाँ पर ज्ञान से ज्यादा लगे अज्ञान पूजित है
कहीं वाणी है गुरुओं की कहीं जीसस कहीं अल्ला
मगर वह देश ही बढता जहाँ इन्सान पूजित है

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