Sunday, April 30, 2017

प्यार नहीं व्यापार किया है

तुमने मुझको मान दिया है
जीने का अभियान दिया है
किस्मत से ही खुशी सुमन को
नूतन जीवन-दान दिया है

बसा लिया जब तुझको मन में
सब कुछ बदला है जीवन में
सुमन के दिल में कई कुतुहल
खुशियाँ पसरीं हैं आँगन में

मैंने कितना प्यार किया है
दिखे जहाँ व्यवहार किया है
सुमन देख दुनिया में प्रायः
प्यार नहीं व्यापार किया है

हँसी तुम्हारी खनक लिये है
चेहरे पर भी चमक लिये है
सुमन सिसकता यहाँ बैठकर
लगता सारी महक लिये है

नहीं चैन से अब सोता हूँ
बोझ देह का ज्यों ढोता हूँ
सुमन हँसी है लोक-लाजवश
अन्दर ही अन्दर रोता हूँ

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