मिलना उन्हीं से जो, मन की जरूरत
वो झुकना धरा पे, गगन की जरूरत
जरा देख रिश्तों में, ठंडक बढ़ी क्यों
मुहब्बत में होती है, अगन की जरूरत
कभी हार मिलती, कभी हार मिलता
अगर जीतना है तो, सपन की जरूरत
अक्सर निकलते सब, पहन के मुखौटे
बुरा कौन अच्छा ये, चयन की जरूरत
बता यार भूखे क्या, भजन कर सकेंगे
मगर रोटी खातिर है, धन की जरूरत
अपने गमों को क्या, गिनना, गिनाना
चाहत खुशी की तो, जतन की जरूरत
सुमन बात कहना, मुश्किल है सारी
होती नयन को भी, नयन की जरूरत
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