Sunday, April 30, 2017

टूटे रिश्ते जोड़ मुसाफिर

रिश्तों  में  हो प्यार मुसाफिर
ये  जीवन  आधार  मुसाफिर
पर स्वारथ में बना आजकल
रिश्ता  ही  बाजार मुसाफिर

          जब अन्दर में ज्ञान मुसाफिर
          तब रिश्तों में जान मुसाफिर
          एक   बार   जो   टूटे   रिश्ते
          बन  जाते  बेजान  मुसाफिर

प्यार करो दिल खोल मुसाफिर
सब  रिश्ते  अनमोल मुसाफिर
बुरे   वक्त   में   लोग   समझते
क्या रिश्तों  का मोल मुसाफिर

          मीठी  जिनकी बात मुसाफिर
          कहलाते अभिजात मुसाफिर
          लेकिन   मार  रहे   चुपके  से
          वो  रिश्तों को लात मुसाफिर

क्षुद्र स्वार्थ की होड़ मुसाफिर
मत रिश्ते को तोड़ मुसाफिर
इस जीवन  की सीख  यही है
टूटे   रिश्ते   जोड़   मुसाफिर

          सब रिश्तों को थाम मुसाफिर 
          सबके अपने  काम मुसाफिर
          कैसी  शिक्षा  जो  लगते  अब
          रिश्तों  के  भी दाम मुसाफिर

जब दोगे अधिकार मुसाफिर
तब रिश्तों  में प्यार मुसाफिर
मूल सुमन  रिश्तों का समझो
रिश्तों  से   संसार   मुसाफिर

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