नभ में जितने तारे हैं
वे सब रूप तुम्हारे हैं
जहाँ अमावस घर आया
तुम हो तो उजियारे हैं
मेरी सारी कमियाँ भी
तुमको कितने प्यारे हैं
तुम बिन जीना, सोचा तो
आँसू बहते सारे हैं
रुग्ण हुए तुम ये जाना
दिखते दिन में तारे हैं
बुझा दिए मेरे पथ के
अबतक जो अंगारे हैं
तू प्रकाश हो तुम बिन तो
सुमन सदा अँधियारे हैं
वे सब रूप तुम्हारे हैं
जहाँ अमावस घर आया
तुम हो तो उजियारे हैं
मेरी सारी कमियाँ भी
तुमको कितने प्यारे हैं
तुम बिन जीना, सोचा तो
आँसू बहते सारे हैं
रुग्ण हुए तुम ये जाना
दिखते दिन में तारे हैं
बुझा दिए मेरे पथ के
अबतक जो अंगारे हैं
तू प्रकाश हो तुम बिन तो
सुमन सदा अँधियारे हैं
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