Sunday, April 30, 2017

तुम हो तो उजियारे हैं

नभ में जितने तारे हैं
वे सब रूप तुम्हारे हैं

जहाँ अमावस घर आया
तुम हो तो उजियारे हैं

मेरी सारी कमियाँ भी
तुमको कितने प्यारे हैं

तुम बिन जीना, सोचा तो
आँसू बहते सारे हैं

रुग्ण हुए तुम ये जाना
दिखते दिन में तारे हैं

बुझा दिए मेरे पथ के
अबतक जो अंगारे हैं

तू प्रकाश हो तुम बिन तो
सुमन सदा अँधियारे हैं

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